1. इंडियन आर्मी
इंडियन आर्मी में बतौर कमांडो प्रशिक्षित सैनिक दुश्मनों को छलने के लिए छलावा ड्रेस का इस्तेमाल करते हैं. इन सभी ड्रेसों को रेगिस्तान में हल्का रंग और हरियाली के बीच गाढ़े रंग उन्हें वातावरण से घुलने-मिलने में मदद करता है. कमांडो एक विशेष प्रकार की झिल्लीदार सूट भी पहनते हैं, जिन्हें किसी भी प्रकार के वातावरण में छिपने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. स्पेशल फोर्स पर्पल बैरेट पहनते हैं और इनके पास रहने वाले इजराइली टेओर असॉल्ट राइफल्स इन्हें पारामिलिट्री फोर्सेस से अलग खड़ा करती है.
2. गरुण कमांडो फोर्स
इंडियन एयर फोर्स ने 2004 में अपने एयर बेस की सुरक्षा के लिए इस फोर्स की स्थापना की थी. मगर गरुण को युद्ध के दौरान शत्रु की सीमा के पीछे काम करने के लिए ट्रेन किया गया है. आर्मी फोर्सेस के इतर ये काली टोपी पहनते हैं. इसके निर्माण से लेकर अब तक इन्होंने कोई भारी लड़ाई नहीं लड़ी है और इन्हें मुख्य तौर पर माओइस्ट विरोधी मुहिम में शामिल किया जाता है.
3. नेशनल सिक्योरिटी गार्ड
एन.एस.जी. इस देश के सबसे अहम् आउटफिट्स में से एक है जो गृह मंत्रालय के भीतर काम करते हैं. आतंकवादियों की ओर से आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर लड़ने के लिए इन्हें विशेष तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जैसे 26/11 मुंबई हमलों के मौके पर. इसके साथ ही वी.आई.पी. सुरक्षा, बम निरोधक और एंटी हाइजैकिंग के लिए इन्हें विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है. इन स्पेशल फोर्सेस में आर्मी के लड़ाके शामिल किए जाते हैं, हालांकि दूसरे फोर्सेस से भी लोग शामिल किए जाते हैं. इनकी फुर्ती और तेज-तर्रारी की वजह से इन्हें “ब्लैक कैट” भी कहा जाता है.
4. सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स
सी.आई.एस.एफ के कमांडोज़ को वी.वी.आई.पी, एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल संयत्रों के लिए विशेष तौर पर तैनात किया जाता है. बड़े और अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट्स जैसे दिल्ली और मुंबई इन्हीं की निगरानी में सुरक्षित रहते हैं.
मुंबई के 26/11 हमलों के बाद इनकी इस्तेमाल प्राइवेट सेक्टर की सिक्योरिटी के लिए भी होने लगा है. इन फोर्सेस का स्पेशल फायर विंग भी है, इसके साथ ही वे दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में भी विशेष तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं.
5. स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप
एस.पी.जी. को प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर तैनात किया जाता है. हालांकि वे अपनी ट्रेडमार्का सफारी सूट में पाये जाते हैं, मगर विशेष मौकों पर एस.पी.जी. कमांडोज़ को बंदूकों के साथ काली ड्रेस में भी देखा जाता है.
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में इन्हें स्थापित किया गया, जिसके बाद वे पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को ये सुरक्षा प्रदान करते हैं.
6. इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस
आई.टी.बी.पी. के कमांडोज़ ने मुंबई में हुए 26/11 आतंकी वारदात के बाद उसके मुख्य अभियुक्त अजमल कसाब को मुंबई जेल में रखने में अहम भूमिका अदा की थी. दिल्ली के कुख्यात तिहाड़ जेल की निगरानी की कमान भी इन्हीं के हाथों में होती है. और इसके साथ ही ये भारत-चीन सीमा की भी विशेष निगरानी करते हैं.
7. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स
सी.आर.पी.एफ. की कमांडो फोर्स कोबरा COBRA कमांडो बटालियन फॉर रिज्योल्यूट ऐक्शन, नक्सल समस्या से लड़ने के लिए स्पेशली बनी है. ये दुनिया के बेस्ट पारामिलिट्री फोर्सेस में से एक हैं, जिन्हें विशेष गोरिल्ला ट्रेनिंग दी गई है. राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए भी वे तैनात किए जाते हैं, साथ ही भविष्य में संसद भवन की सुरक्षा में भी उनकी तैनाती होगी.
8. मार्कोस
भारतीय नेवी द्वारा सुरक्षा के लिए गठित किया गया विशेष दस्ता जिन्हें आम नज़रों से बचा कर रखा गया है. मार्कोस को जल, थल और नभ में लड़ने के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया है, हालांकि जलीय मिशन में इनकी महारत है. इधर हाल ही में उन्हें अमरीकी मरीन जैसे ड्रेस में देखा गया है. इनके अधिकारियों का कहना है कि वे अभी फ़ाइनल ड्रेस को लेकर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. 26/11 में ताज पर हुए हमलों में आतंकवादियों से निपटने में इनकी विशेष भूमिका थी.
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