Thursday 10 March 2016

नाटय कामेडी

मालाबती:-  एक बडे ही  नटखट बच्चे  को समभालने मे मजबुर थी।
       और बो बालक बहुत-बहुत रोते जा रहा था।
पति:- आते हि बोलता है। अरे भाग्यवान कुछ खाना-पीना  बनाए कि नहीं।
मालाबती:- अरे का खाना-पीना बनाबे हमारी करमे फूटल है। कि नलायक बेटा पैदा लिया।  कखनो चुप होवे के नामों नैय ले रहा है।
<<बेटा को अपनी ने गोद मे लेकर>>>>
दुलारते हुऐ।
पति :- चुप हो जा मेरे लाल। बोलो का चाहिए तुम्हें।
बेटा :- बाबू जी हमको  ईख चाहिए।
बाप अपने नौकर को आदेश देता है और बोलता है जाओ मेरे बेटे के लिए ईख लेकर आओ।
💐💐💐💐ईख लाता है।💐 💐💐
बाप:- अब चुप  हो जा मेरे लाल
तो बच्चा के फुटानी यहां पर।
बेटा :- बाबू जी  इ का हमरा  बुडबक बना रहे हो का।
इ बास का लाठी  है। हमको पता लगा हुआ है ईख चाहिए।
बाप:- पुनः  अपने नौकर को आदेश देता है कि  मेरे बेटे के लिए पता सहित  ईख लाकर दो।
💐💐पता बाला ईख लाकर देता है। 💐💐
बाप :-अब चुप  हो जा मेरे लाल।
<<>>>> बेटा  रोते रहता है। <<<>>>>>
बाप :- अब का
िए तुम्हें।
बेटा :- बाबू जी हमको  एक चुका है लाकर दिजिये।
बाप अपने नौकर को आदेश देता है और बोलता है जाओ मेरे बेटे के लिए चुका लेकर आओ।
👌👌👌चुका लाता है।👌👌👌

    <<<>>>बेटा  रोते रहता है<<<>>>
बाप:- अब चुप  हो जा मेरे लाल अब का चाहिए।
बेटा :- बाबू जी हमको  एगो हाथी लाकर दो।
बाप अपने नौकर को आदेश देता है और बोलता है जाओ मेरे बेटे के लिए एक हाथी  लेकर आओ।
😊😊😊😊हाथी लाता है।😉😉😉😉
<<<>>>बेटा  फिर भी रोते रहता<<<>>>>>
बाप:- अब चुप  हो जा मेरे लाल अब का चाहिए।
बेटा :- बाबू जी ई हथिया के चुका मे घुसा दा।
बाप गुस्सा मे आग बबुला होते हुए
एक पटका मारते हुए
बाप :- का रे तुही एगो  चिल्का पैदा लिया है
और अपनी औरत को बोलता है। लो संभाल अपनी  नलायक  औलाद को।

                                       समाप्त
                  रौशन  कुमार  वजीरगंज

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