Thursday 24 December 2015

भारत रत्‍न

                                                                    

                             भारत रत्‍न

भारत रत्न
Bharat Ratna.jpg
सम्मान की जानकारी
प्रकारनागरिक
श्रेणीसम्मान
स्थापना वर्ष१९५४
अंतिम अलंकरण२०१४
कुल अलंकरण४५
अलंकरणकर्ताभारत सरकार
विवरणएक पीपल के पत्ते पर सूर्य की प्लैटिनम छवि
के संग देवनागरी लिपि में खुदा हुआभारत रत्न
प्रथम अलंकृतसर्वपल्ली राधाकृष्णन
अंतिम अलंकृतमदन मोहन मालवीय व अटल बिहारी वाजपेयी
सम्मान श्रेणी
कोई नहीं ← भारत रत्न → पद्म विभूषण
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।[1][2][3] यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना २ जनवरी १९५४ में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।[4] [5] प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान १९५५ में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् १३ व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या १२ मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।
उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषणपद्म भूषण और पद्मश्री हैं।

पदक[संपादित करें]

मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन ३५ मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न" और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।

सम्मानित व्यक्तित्व[संपादित करें]

भारत रत्न पदक
क्रमवर्षनामजीवन
१.१९५४ -डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन(५ सितंबर१८८८ – १७ अप्रैल१९७५)
२.१९५४ -चक्रवर्ती राजगोपालाचारी(१० दिसम्बर१८७८ - २५ दिसम्बर१९७२)
३.१९५४ -डॉक्टर चन्‍द्रशेखर वेंकटरमण(७ नवंबर१८८८ - २१ नवंबर१९७०)
४.१९५५ -डॉक्टर भगवान दास(१२ जनवरी१८६९ - १८ सितंबर१९५८)
५.१९५५ -सर डॉ॰ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या(१५ सितंबर१८६० - १२ अप्रैल१९६२)
६.१९५५ -पं. जवाहर लाल नेहरु(१४ नवंबर१८८९ - २७ मई१९६४)
७.१९५७ -गोविंद वल्लभ पंत(१० सितंबर१८८७ - ७ मार्च१९६१)
८.१९५८ -डॉ॰ धोंडो केशव कर्वे(१८ अप्रैल१८५८ – ९ नवंबर१९६२)
९.१९६१ -डॉ॰ बिधन चंद्र रॉय(१ जुलाई१८८२ - १ जुलाई१९६२)
१०.१९६१ -पुरूषोत्तम दास टंडन(१ अगस्त१८८२ - १ जुलाई१९६२)
११.१९६२ -डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद(३ दिसम्बर१८८४ - २८ फरवरी१९६३)
१२.१९६३ -डॉ॰ जाकिर हुसैन(८ फरवरी१८९७ - ३ मई१९६९)
१३.१९६३ -डॉ॰ पांडुरंग वामन काणे(१८८०-१९७२)
१४.१९६६ -लाल बहादुर शास्त्री(२ अक्टूबर१९०४ - ११ जनवरी१९६६), मरणोपरान्त
१५.१९७१ -इंदिरा गाँधी(१९ नवंबर१९१७ - ३१ अक्टूबर१९८४)
१६.१९७५ -वराहगिरी वेंकट गिरी(१० अगस्त१८९४ - २३ जून१९८०)
१७.१९७६ -के. कामराज(१५ जुलाई१९०३ - १९७५), मरणोपरान्त
१८.१९८० -मदर टेरेसा(२७ अगस्त१९१० - ५ सितंबर१९९७)
१९.१९८३ -आचार्य विनोबा भावे(११ सितंबर१८९५ - १५ नवंबर१९८२), मरणोपरान्त
२०.१९८७ -खान अब्दुल गफ्फार खान(१८९० - २० जनवरी१९८८), पहले गैर-भारतीय
२१.१९८८ -एम जी आर(१७ जनवरी१९१७ - २४ दिसम्बर१९८७), मरणोपरान्त
२२.१९९० -डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर(१४ अप्रैल१८९१ - ६ दिसम्बर१९५६), मरणोपरान्त
२३.१९९० -नेल्सन मंडेला(१८ जुलाई१९१८), दूसरे गैर-भारतीय
२४.१९९१ -राजीव गांधी(२० अगस्त१९४४ - २१ मई१९९१), मरणोपरान्त
२५.१९९१ -सरदार वल्लभ भाई पटेल(३१ अक्टूबर१८७५ - १५ दिसम्बर१९५०), मरणोपरान्त
२६.१९९१ -मोरारजी देसाई(२९ फरवरी१८९६ - १० अप्रैल१९९५)
२७.१९९२ -मौलाना अबुल कलाम आज़ाद(११ नवंबर१८८८ - २२ फरवरी१९५८), मरणोपरान्त
२८.१९९२ -जे आर डी टाटा(२९ जुलाई१९०४ - २९ नवंबर१९९३)
२९.१९९२ -सत्यजीत रे(२ मई१९२१ - २३ अप्रैल१९९२)
३०.१९९७ -अब्दुल कलाम(१५ अक्टूबर१९३१-२७ जुलाई२०१५)
३१.१९९७ -गुलजारी लाल नंदा(४ जुलाई१८९८ - १५ जनवरी१९९८)
३२.१९९७ -अरुणा असाफ़ अली(१६ जुलाई१९०९ - २९ जुलाई१९९६), मरणोपरान्त
३३.१९९८ -एम एस सुब्बुलक्ष्मी(१६ सितंबर१९१६ - ११ दिसम्बर२००४)
३४.१९९८ -सी सुब्रामनीयम(३० जनवरी१९१० - ७ नवंबर२०००)
३५.१९९८ -जयप्रकाश नारायण(११ अक्टूबर१९०२ - ८ अक्टूबर१९७९), मरणोपरान्त
३६.१९९९ -पं. रवि शंकर(७ अप्रैल१९२०-१२ दिसम्बर२०१२ )
३७.१९९९ -अमृत्य सेन(३ नवंबर१९३३)
३८.१९९९ -गोपीनाथ बोरदोलोई(१८९०-१९५०), मरणोपरान्त
३९.२००१ -लता मंगेशकर(२८ सितंबर१९२९)
४०.२००१ -उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां(२१ मार्च१९१६ - २१ अगस्त२००६)
४१.२००८ -पं.भीमसेन जोशी(४ फरवरी१९२२ -२५ जनवरी२०११)
४२.२०१३सी॰ एन॰ आर॰ राव(३० जून१९३४- अब तक), १६ नवंबर, २०१३ को घोषित
४३.२०१३सचिन तेंदुलकर(२४ अप्रैल१९७३- अब तक), १६ नवंबर, २०१३ को घोषित
४४.२०१४अटल बिहारी वाजपेयी(२५ दिसंबर१९२४- अब तक), २५ दिसंबर, २०१४ को घोषित
४५.२०१४मदन मोहन मालवीय(२५ दिसंबर१८६१- १२ नवंबर१९४६मरणोपरांत, २५ दिसंबर, २०१४ को घोषित
१९९२ में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरान्त स्वरूप को लेकर प्रश्न उठाया गया था। इसीलिएभारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त सम्मान वापस लिये जाने का यह एकमेव उदाहरण है।
भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आयी तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिये। बाद में १९९२ में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।[6]

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